कार्य प्रणाली
- बोर्ड में सामान्यतः उपरोक्त अधिनियमों उनके अंतर्गत नियमों तथा राज्य सरकार एवं चयनित अधिनियम के अंतर्गत जारी अधिसूचना के तहत विचाराधीन अपीलों की सुनवाई एवं निस्तारण कर बोर्ड की एकलपीठ एवं खण्डपीठ द्वारा की जाती
है।
खण्डपीठ के द्वारा श्रवण योग्य अपीलें :-
- राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय छानबीन समिति की सिफारिशों के विरुद्ध अपील अंतर्गत राजस्थान विक्रय कर अधिनियम धारा 15 या 25 की उपधारा (3) एवं राजस्थान मूल्य परिवर्धित कर अधिनियम 2003 की धारा 83
- राजस्थान मूल्य परिवर्धित कर अधिनियम, 2003 की धारा 83 के तहत आयुक्त/अतिरिक्त आयुक्त/उपायुक्त वाणिज्यिक कर के आदेशों के विरुद्ध अपील।
- राजस्थान मूल्य परिवर्धित कर अधिनियम, 2003 की धारा 83 में अपीलीय अधिकारी के द्वारा पारित वे निर्णय जिनमें विवादित राशि 10.00 लाख से अधिक है या जिनमें कर की दर/वस्तु का वर्गीकरण विवादित हो।
- राजस्थान आबकारी अधिनियम 1950 के अंतर्गत अपीलों की सुनवाई।
- राजस्थान मुद्रांक अधिनियम के अंतर्गत राशि रुपये 10.00 लाख से अधिक के प्रकरणों की सुनवाई।
एकलपीठ के द्वारा श्रवण योग्य अपीलें :-
- मनोरंजन कर से संबंधित सभी अपीलें।
- राजस्थान मूल्य परिवर्धित कर अधिनियम, 2003 की धारा 83 में अपीलीय अधिकारी के द्वारा पारित वे निर्णय जिनमें विवादित राशि 10.00 लाख तक हो।
- राजस्थान मुद्रांक अधिनियम के तहत प्रस्तुत निगरानियां जिसमें विवादित राशि 10.00 लाख तक हो।
- राजस्थान भूमि कर अधिनियम के तहत प्रस्तुत निगरानियां उपरोक्त व्यवस्था के अतिरिक्त किसी भी पीठ तथ्य संदर्भ करने पर वृहतपीठ में भी संदर्भित बिन्दुओं पर सुनवाई करने के प्रावधान है।
वादों का प्रस्तुतीकरण:-
- बोर्ड में राजस्थान मूल्य परिवर्धित कर अधिनियम, 2003 की धारा 83 के अंतर्गत अपील प्रस्तुत करने हेतु नियम 31 के तहत निर्धारित प्रारूप :-
- एस.टी.-9
- इसी प्रकार प्रत्याक्षेप (cross objection) का ज्ञापन भी अपील मेमोरेण्डम की प्राप्ति के एक माह में नियम 31 के तहत एसटी 9ए में प्रस्तुत किया जा सकता है जिसका प्रारूप निम्नानुसार है:-
- एस.टी-9 ए
उपरोक्त अपील दायर करने के साथ प्रकरण में मांग राशि को स्थगित करने की शक्तियां भी राजस्थान विक्रय कर अधिनियम की धारा 85 की उपधारा 8 के अंतर्गत कर बोर्ड को प्राप्त है जिसके लिये अपीलार्थी अपील के साथ पृथक से प्रार्थना
पत्र मय शपथ-पत्र के प्रस्तुत कर सकता है।