बोर्ड के विषय में

परिचय

राजस्थान विक्रय कर अधिकरण की स्थापना दिनांक 01.05.1985 विक्रय कर से संबंधित लम्बित प्रकरणों (द्वितीय अपील) का शीघ्र निपटारा करने व निर्णयों में एकरूपता रखने के उद्देश्य से की गई थी, ताकि गतिशील विक्रय कर अधिनियम व नियमों की सुसंगत व्याख्या की जा सके। अधिकरण के गठन से पूर्व विक्रय कर से संबंधित प्रकरणों में द्वितीय अपील के प्रावधान नहीं थे और उपायुक्त (अपील्स) वाणिज्यिक कर विभाग के प्रथम अपील आदेश के विरुद्ध मात्र निगरानी ही राजस्व मण्डल में प्रस्तुत हो सकती थी। दिनांक 01.10.1995 से राजस्थान विक्रय कर अधिकरण का नाम परिवर्तित कर 'राजस्थान कर बोर्ड' कर दिया गया। बोर्ड में एक अध्यक्ष तथा छः सदस्य कार्यरत हैं, जिन्हें निम्न अधिनियमों एवं नियमों के तहत्‌ न्यायिक अधिकार दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त कार्यालय संचालन हेतु एक रजिस्ट्रार तथा अन्य कर्मचारीगण उपलब्ध हैं, जो कि बोर्ड द्वारा न्यायायिक कार्यों के निस्तारण में सहयोग करते हैं। बोर्ड का संगठनात्मक ढांचा निम्नानुसार है :-

Organization Chart

  • बोर्ड के सभी प्रशासनिक कार्य अध्यक्ष महोदय के निर्देशानुसार रजिस्ट्रार के द्वारा सम्पन्न होते हैं।
  • बोर्ड में निम्नांकित अधिनियम/नियमों के तहत द्वितीय अपील/क्रॉस आबजेक्शन /निगरानी (स्टाम्प) दायर करने का प्रावधान है:-
    • राजस्थान मूल्य परिवर्धित कर अधिनियम, 2003 एवं नियम 2006
    • मूल्य परिवर्धित कर अधिनियम 2003
    • राजस्थान विक्रय कर अधिनियम, 1954/1994
    • केन्द्रीय विक्रय कर अधिनियम, 1956
    • राजस्थान मनोरंजन एवं विज्ञापन कर अधिनियम, 1957
    • राजस्थान टैक्स ऑन एन्ट्री ऑफ मोटर व्हीकल इन्टू लोकल एरिया, 1988
    • राजस्थान टैक्स ऑन लक्जरीज (टोबेको एण्ड इट्‌स प्रोडक्ट्‌स) एक्ट, 1998
    • राजस्थान टैक्स ऑन एन्ट्री ऑफ गुड्‌स इन्टू लोकल एरिया एक्ट, 1999
    • राजस्थान मुद्रांक अधिनियम, 1998 के तहत निगरानी/नजरसानी की सुनवाई
    • राजस्थान भूमि कर अधिनियम, 2006
    • राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950
    राजस्थान कर बोर्ड का मुख्यालय कर भवन अजमेर में है जो टोडरमल मार्ग पर स्थित है तथा इसकी सर्किट बैंच जयपुर के योजना भवन में तथा जोधपुर एवं उदयपुर स्थित कर भवन में नियमित अंतराल पर लगायी जाती है।
  • बोर्ड में सामान्यतः उपरोक्त अधिनियमों, उनके अंतर्गत नियमों तथा राज्य सरकार एवं चयनित अधिनियम के अंतर्गत जारी अधिसूचना के तहत विचाराधीन अपीलों की सुनवाई एवं निस्तारण कर बोर्ड की एकलपीठ एवं खण्डपीठ द्वारा की जाती है।
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